Tuesday, May 25, 2010
education
अभी जो बंगलौर में भी हुआ है उसे याद कर के दिल बहित जादा दुखी है पर क्या कर सकते हमरे देश की सुरक्षा कुछ है ही इस पारकर की हम किसी की कि के कभी भी कोई भी घटना घाट जाती है और हम कुछ नही कर पते है इसके लिए हम अपने देश की सुरक्षा को भी दोषी नही ठयारा सकते है हमें खुद ही कुछ करना होगा ताकि इस प्रकार के हादसे और न हो सके और हम एक चेन कि ज़िन्दगी जी सकें एक दुसरे को दोष देने से अछा है कि हम खुद कुछ करे अपने देश कि सुरक्षा को बनाये रखने के लिए, तभी हम इस आतंकवाद से जीत पाएंगे नही तो ये आतंकवाद एक दिन सुब कुछ ख़तम कर के रख्देगा और हम एक दुसरे को दोष देते ही रहे जायेंगे और ये हादसे कभी नही खत्म होंगे ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा ! अगर अप सभी ये चाहते ही की हमारे देश से ये आतंकवाद जेसी दीमक खत्म हो जाये तो इस क्र लिए हमें एकजुट होना ही होगा तो फिर देर केसी आज से ही हमें अपना काम शुरू कर देना चाहिए ताकि सब शांति से जी सके !
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